तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता पीयूष पांडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जातिसूचक टिप्पणी की है। पांडा ने कहा है कि पीएम मोदी तेली बनकर कैसे अयोध्या राम मंदिर का अभिषेक कर सकते हैं. पांडा ने पीएम मोदी के बचपन में चाय बेचने को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. पांडा के इस बयान पर बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. पीयूष के इस बयान का वीडियो भी वायरल हो रहा है.
वायरल वीडियो में, पीयूष पांडा कहते हैं, “नरेंद्र मोदी अहंकारी हैं, वह तेली (जाति) के पुत्र हैं, वह राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और पूजा कैसे कर सकते हैं जहां किसी ब्राह्मण को आमंत्रित नहीं किया गया था। फिर ब्राह्मणों से क्या प्रयोजन, मैं अपना जनेऊ प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दूँगा। मैं कोंटाई बस स्टैंड पर बैठूंगा और अपने जूते पॉलिश करूंगा।”
पीएम मोदी पर जाति आधारित टिप्पणी करने के अलावा पीयूष पांडा ने और भी कई बातें कहीं. उन्होंने पीएम मोदी की डिग्री और चाय बेचने को लेकर भी सवाल उठाए. पांडा ने कहा कि 50-60 साल पहले देश में कंप्यूटर और टाइपराइटर नहीं थे लेकिन पीएम मोदी की डिग्री कंप्यूटराइज्ड है.
पीयूष पांडा ने कहा, ”उन्होंने (पीएम मोदी) किस स्टेशन पर चाय बेची? क्या आप नाम जानते हैं? भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने किस स्टेशन पर चाय बेची? बहुत जल्द वह पूर्व प्रधानमंत्री बन जायेंगे. अगर कोई मुझे बता दे कि वह किस स्टेशन पर चाय बेचते थे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। गौरतलब है कि यह तो जगजाहिर है कि पीएम मोदी गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे. यहां उनकी चाय की दुकान आज भी सुरक्षित है.
पीएम मोदी की शिक्षा के बारे में पांडा ने कहा, ”वह 70 साल के हैं, क्या कोई बता सकता है कि 50 साल पहले जारी किए गए सर्टिफिकेट कहां हैं, उस समय पेन से लिखकर जारी किए जाते थे, लेकिन मोदी जी के सर्टिफिकेट वहां नहीं हैं.” कम्प्यूटर से जारी।” जारी। 50 साल पहले देश में कंप्यूटर और टाइपराइटर नहीं थे। वह बहुत बड़ा धोखेबाज़ है, पूरी तरह से नकली है।”
सुवेंदु अधिकारी ने पांडा के इस वीडियो को ‘तेली’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए जातिसूचक टिप्पणी करते हुए और पीएम मोदी पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया है। उन्होंने इस मामले में चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. अधिकारी ने मांग की है कि ऐसे नेताओं को पूरे चुनाव में प्रचार करने से रोका जाए.
अधिकारी ने ओबीसी समुदाय के अपमान को लेकर देश के पिछड़ा वर्ग आयोग से भी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि पांडा ने जूते पॉलिश करने को छोटा काम बताकर उनका भी अपमान किया है. अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे नेताओं को खुली छूट दे रखी है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी पीएम मोदी पर कई बार निजी हमला हो चुका है. हाल ही में तमिलनाडु सरकार के मंत्री और डीएमके नेता टीएम अनबरसन ने पीएम मोदी के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कही थी. डीएमके के एक और मंत्री ने पीएम मोदी को अपशब्द कहे थे.
SRC – OP INDIA